माधव विश्वविद्यालय के कॉलेज आफ एग्रीकल्चर में नेशनल पोषण सप्ताह के तहत कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला में होम्योपैथी दवाइयां तथा मिनरल्स विटामिन पोषक तत्वों का मानव जीवन पर प्रभाव को लेकर जानकारी दी गई । माधव होम्योपैथी कॉलेज की प्रोफेसर डॉ पारुल सिंह ने बताया कि होम्योपैथिक की दवाइयां के साइड इफेक्ट नहीं होते हैं तथा प्रोटीन, विटामिन, मिनरल व सप्लीमेंटेशन भी होम्योपैथी के तहत दिया जाता है। सर्दी, खांसी, जुकाम व बुखार में वर्तमान में अधिकांश लोग होम्योपैथिक को प्राथमिकता दे रहे हैं द्य कोरोना काल में भी होम्योपैथी दवाइयां ने बहुत अच्छा योगदान दिया था। होम्योपैथी विभाग की डॉ हेमाली ने बताया कि आज हम होम्योपैथी की दवाइयां को एक अच्छे चलन में इस्तेमाल कर रहे हैं इसका लोगों के बीच में इस्तेमाल बढ़ रहा है। डॉ समृद्धि ने बताया कि दिन प्रतिदिन हम होम्योपैथी के उपयोग को भारत में बढ़ता हुआ देख रहे हैं द्य कार्यक्रम में कॉलेज के दिन प्रोफ़ेसर (डॉ) बी आर पटेल ने बताया की होम्योपैथिक को अपने से हमें बहुत सारे फायदे मिलते हैं द्य होम्योपैथी की दवाइयां ऐसा नहीं है कि बहुत धीमी असर करती हैं जबकि होम्योपैथी भी एलोपैथी की तरह से ही अपना कार्य करती है। कॉलेज में उपस्थित प्रोफ़ेसर (डॉ) गीतम सिंह ने बताया की होम्योपैथिक को आज लोग पशुपालन में पौधों में तथा मिट्टी की उर्वरा शक्ति को सुधारने के लिए भी मिनरल्स का और तमाम सप्लीमेंटेशन का प्रयोग किया जा रहा है। मानव जीवन के लिए दवाइयां बहुत लंबे समय से इस्तेमाल में हो रही हैं। होम्योपैथी भी आयुर्वेदिक दवाइयां से निकली हुई मिनरल्स का विटामिन का एक अंग है। कार्यक्रम में उपस्थित डॉ लक्ष्मीकांत शर्मा जी ने बताया की होम्योपैथिक का प्रयोग करके आज हम बहुत सारी बीमारियों के साइड इफेक्ट से बच सकते हैं । कार्यशाला में डॉ राजेश पांचाल, डॉ आनंद बघेल, डॉ चिराग सोलंकी, डॉ आलोक कुमार, डॉ कैलाश परिहार डॉ शिखर देसाई, डॉ कृष्णा पटेल, डॉ रुचिता कोटडिया, डा अभिलाषा राय, डा सुरेश कुमार व शाहरुख खान मौजूद रहे।